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"बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित कव

"बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित कविता"

कहानी  ये  मेरी,  भारत  देश  के  उस  दौर  की  है
भारत  में  जब छुआछूत, जाति-वाद की बीमारी थी
उच्च  वर्गीय जाति के लोग तो हिफ़ाज़त में थे मग़र
दलित  जाति  के  लोगों  का  जीना  यहाँ  दूभर था

छुआछूत,  रंगभेद,  जात-पात,  और जाति-धर्म पर
दलित  को  तुच्छ  कहकर  नीचा दिखाया जाता था
असहनीय  दर्द,  पीड़ा, ग़ुलामी संग जीना पड़ता था
दिन के अपमान को रात में घोलकर पीना पड़ता था

और  फ़िर  एक  रोज दलितों के लिए हुआ चमत्कार
बनकर  तब  भीमराव,  ख़ुदा  धरती  पर उतर आया 
पढ़-लिखकर  और  अनेक  भाषाओं का ज्ञान पाकर
अमीरों के मन की इस बीमारी से उन्हें आज़ाद कराया

जातपात,  छुआछूत  जैसी  कुरूतियों  को  दूर भगाया
दर्द,  यातनाओं, ग़ुलामी  से  दलितों को आजाद कराया
घुट-घुटकर  जीने  वाले  को  एक नया आसमां दिखाया
अपने  नसीब  अपने हाथों से लिखने के क़ाबिल बनाया

और  फ़िर वो सुनहरा दिन 15 अगस्त 1947 का आया
भारत  के  वीर शहीदों ने भारत देश को आज़ाद कराया
अपने रक्त के हरेक कतरे से वीरों ने देश का मान बढ़ाया
हर  देशवासी  ने  उन वीरों के आगे अपना शीश झुकाया

फ़िर से हर भारतीय की जिंदगी एक नए दौर से शुरू हुई
अब ना किसी की ग़ुलामी थी,  ना किसी की यातनाएं थी
फ़िर  अब बात उठी हर तरफ़ भारत देश के संविधान की
एक देश की आन बान शान कहे जाने वाले संविधान की

तब  मिलकर  सभी  ने  बुलाई संविधान सभा की बैठक
और अध्यक्ष बनाया सभा का डॉ भीमराव अंबेडकर को
"2 वर्ष  11 माह  18 दिन"  के  अथक  प्रयासों  के बाद
रंग लाई मेहनत, और लागू किया भारत के संविधान को

मिला अब हरेक वर्ग के लोगों को,  एक समान अधिकार
अब  न  दलितों पर जातपात, न छुआछूत की बीमारी थी
हर  दलित के घर पर सिर्फ खुशियों की ही किलकारी थी
हज़ारों  मुस्कराते  चेहरों की अब अपनी लिखी कहानी थी

नमन  है  देश  का  उद्धार करने वाली इस महान आत्मा को
जिसने जीवन का हरपल अपने देश व अपनों के लिए जीया
चाहें  बन  जाए  हमारा  भारत देश, दुनिया की महान शक्ति 
मग़र सदा गर्व से लिया जाएगा जग में बाबा साहब का नाम 

जय भीम 🙏

-Talvindra Kumar "बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित कविता"

कहानी  ये  मेरी,  भारत  देश  के  उस  दौर  की  है
भारत  में  जब छुआछूत, जाति-वाद की बीमारी थी
उच्च  वर्गीय जाति के लोग तो हिफ़ाज़त में थे मग़र
दलित  जाति  के  लोगों  का  जीना  यहाँ  दूभर था

छुआछूत,  रंगभेद,  जात-पात,  और जाति-धर्म पर
"बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित कविता"

कहानी  ये  मेरी,  भारत  देश  के  उस  दौर  की  है
भारत  में  जब छुआछूत, जाति-वाद की बीमारी थी
उच्च  वर्गीय जाति के लोग तो हिफ़ाज़त में थे मग़र
दलित  जाति  के  लोगों  का  जीना  यहाँ  दूभर था

छुआछूत,  रंगभेद,  जात-पात,  और जाति-धर्म पर
दलित  को  तुच्छ  कहकर  नीचा दिखाया जाता था
असहनीय  दर्द,  पीड़ा, ग़ुलामी संग जीना पड़ता था
दिन के अपमान को रात में घोलकर पीना पड़ता था

और  फ़िर  एक  रोज दलितों के लिए हुआ चमत्कार
बनकर  तब  भीमराव,  ख़ुदा  धरती  पर उतर आया 
पढ़-लिखकर  और  अनेक  भाषाओं का ज्ञान पाकर
अमीरों के मन की इस बीमारी से उन्हें आज़ाद कराया

जातपात,  छुआछूत  जैसी  कुरूतियों  को  दूर भगाया
दर्द,  यातनाओं, ग़ुलामी  से  दलितों को आजाद कराया
घुट-घुटकर  जीने  वाले  को  एक नया आसमां दिखाया
अपने  नसीब  अपने हाथों से लिखने के क़ाबिल बनाया

और  फ़िर वो सुनहरा दिन 15 अगस्त 1947 का आया
भारत  के  वीर शहीदों ने भारत देश को आज़ाद कराया
अपने रक्त के हरेक कतरे से वीरों ने देश का मान बढ़ाया
हर  देशवासी  ने  उन वीरों के आगे अपना शीश झुकाया

फ़िर से हर भारतीय की जिंदगी एक नए दौर से शुरू हुई
अब ना किसी की ग़ुलामी थी,  ना किसी की यातनाएं थी
फ़िर  अब बात उठी हर तरफ़ भारत देश के संविधान की
एक देश की आन बान शान कहे जाने वाले संविधान की

तब  मिलकर  सभी  ने  बुलाई संविधान सभा की बैठक
और अध्यक्ष बनाया सभा का डॉ भीमराव अंबेडकर को
"2 वर्ष  11 माह  18 दिन"  के  अथक  प्रयासों  के बाद
रंग लाई मेहनत, और लागू किया भारत के संविधान को

मिला अब हरेक वर्ग के लोगों को,  एक समान अधिकार
अब  न  दलितों पर जातपात, न छुआछूत की बीमारी थी
हर  दलित के घर पर सिर्फ खुशियों की ही किलकारी थी
हज़ारों  मुस्कराते  चेहरों की अब अपनी लिखी कहानी थी

नमन  है  देश  का  उद्धार करने वाली इस महान आत्मा को
जिसने जीवन का हरपल अपने देश व अपनों के लिए जीया
चाहें  बन  जाए  हमारा  भारत देश, दुनिया की महान शक्ति 
मग़र सदा गर्व से लिया जाएगा जग में बाबा साहब का नाम 

जय भीम 🙏

-Talvindra Kumar "बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित कविता"

कहानी  ये  मेरी,  भारत  देश  के  उस  दौर  की  है
भारत  में  जब छुआछूत, जाति-वाद की बीमारी थी
उच्च  वर्गीय जाति के लोग तो हिफ़ाज़त में थे मग़र
दलित  जाति  के  लोगों  का  जीना  यहाँ  दूभर था

छुआछूत,  रंगभेद,  जात-पात,  और जाति-धर्म पर

"बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित कविता" कहानी ये मेरी, भारत देश के उस दौर की है भारत में जब छुआछूत, जाति-वाद की बीमारी थी उच्च वर्गीय जाति के लोग तो हिफ़ाज़त में थे मग़र दलित जाति के लोगों का जीना यहाँ दूभर था छुआछूत, रंगभेद, जात-पात, और जाति-धर्म पर #Poetry #India #Love #14april #babasaheb #talvindra_writes #corona #covid19 #ambedker