तेरी याद में लिखी जो ग़ज़ल वो गुनगुनाऊँ क्या, लफ़्ज़ों में कैसे पिरोया है तुझे, वो बताऊँ क्या। हर अश'आर अधूरे लगे, तुम जो नहीं पास मेरे- कि बनाने काफ़िया, आज फिर तुम्हें बुलाऊँ क्या।। श्वेता अग्रवाल 'ग़ज़ल' #श्वेता #nojota #Love #feelings