स्कंदमाता आरती जय तेरी हो स्कंद माता पांचवां नाम तुम्हारा आता ॥ सबके मन की जानन हारी जग जननी सबकी महतारी ॥ तेरी जोत जलाता रहू मैं हरदम तुझे ध्याता रहू मै ॥ कई नामों से तुझे पुकारा मुझे एक है तेरा सहारा ॥ कही पहाडो पर है डेरा कई शहरों में तेरा बसेरा ॥ हर मंदिर में तेरे नजारे गुण गाए तेरे भक्त प्यारे ॥ भक्ति अपनी मुझे दिला दो शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो ॥ इंद्र आदि देवता मिल सारे करे पुकार तुम्हारे द्वारे ॥ दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए तू ही खंडा हाथ उठाए ॥ दासों को सदा बचाने आयी भक्त की आस पुजाने आयी ॥ #NojotoQuote आरतीनवरात्र पांचवा दिन स्कंदमाता