नज्में लिखूँ या गजलें लिखूं तुम कुछ भी तो पढ़ते नही हो। मेरा हर क़दम बढ़ता है तो सिर्फ तुम्हारी ओर। तुम क्यों मेरी ओर कभी बढ़ते नही हो। मैं तुम्हारी बेवफ़ाई, तुम्हारी जुदाई,तुम्हारी नफ़रत तुम्हारी हर एक चीज से वफ़ा करता हूँ। तुम क्यों मेरी एक भी चीज से वफ़ा कभी करते नही हो लड़ पड़ता हूँ मैं तेरे लिए इस जमाने तक से भी फिर तुम क्यों मेरी ख़ातिर इस जमाने से कभी लड़ते नही हो। #hidenseek