मैं ईमानदारी से परिपूर्ण था हाँ, मैं ख़ुद में ही सम्पूर्ण था मैं सच्चाई का भगवान था हाँ, मैं एक बेहतर इंसान था बुराई से दूर-दूर तक ना वास्ता था एक अच्छाई ही मेरा रास्ता था मैं सत्य का पुजारी, निष्ठावान था मैं असत्य से दूर, मैं अज्ञान था 🎀 Challenge-184 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 आप सभी को कोरा काग़ज़ समूह की तरफ़ से रमज़ान के इस पावन महीने की बहुत-बहुत मुबारकबाद। 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।