आंखों से आंखें मिल गई। बातों से बातें मिल गयी। बातों से मुलाकाते बढ़ गई और वह मुलाकातें धीरे-धीरे दोस्ती में तब्दील हो गई। तब तुमने मुझसे एक बात कही थी कि शुभम लड़की का हाथ हमेशा इस तरह से हाथ में पकड़ते है और मैं पगला मन ही मन मुस्कुरा कर कहने लगा कि मैं तुम्हारा हाथ जिंदगी भर पकड़कर रखना चाहता हूं किया वो प्यार था Was that love?