सुनिए जरा, मुझे मोहब्बत का इज़हार करना नहीं आता, कलमकार हू,पर तुझे लिखना नहीं आता। केसे बताउ तुझे अब अल्फाज़ो में मुझे खामोशी के सिवा कुछ नहीं आता ! ©writer didi सुनिए जरा,