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जब से तुझसे दूर हुआ हूँ माँ हालातों से मजबूर हुआ ह

जब से तुझसे दूर हुआ हूँ माँ
हालातों से मजबूर हुआ हूँ माँ
घर पे जब मुझे खाना अच्छा नही 
लगता था ।
तो तू दूसरा बना देती है।
चाहे कितना भी परेशान रहूं सारे दिन 
रात को तू अपने अंचल में लेके मुझे 
  मेरी सारी परेशानी मिटा देती थी।
पर अब यंहा कोई डांटने नही आता है।
की तू खाना क्यों नही खाता है।
की तू बिना खाना खाये क्यों सो जाता है।
इस नौकरी की दौड़ मे तेरी कमी सी 
लगती है माँ।
जब भी तेरी याद आती है तो आँखो मे नमी सी लगती है माँ। #maa#mother #luv u maa#miss u maa
जब से तुझसे दूर हुआ हूँ माँ
हालातों से मजबूर हुआ हूँ माँ
घर पे जब मुझे खाना अच्छा नही 
लगता था ।
तो तू दूसरा बना देती है।
चाहे कितना भी परेशान रहूं सारे दिन 
रात को तू अपने अंचल में लेके मुझे 
  मेरी सारी परेशानी मिटा देती थी।
पर अब यंहा कोई डांटने नही आता है।
की तू खाना क्यों नही खाता है।
की तू बिना खाना खाये क्यों सो जाता है।
इस नौकरी की दौड़ मे तेरी कमी सी 
लगती है माँ।
जब भी तेरी याद आती है तो आँखो मे नमी सी लगती है माँ। #maa#mother #luv u maa#miss u maa
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