ये दलाल, ये हलाल ये घुस, सरकारी मकानों में गरीबो के पैसा का जूस ये सब हराम है इस आवाम का क्या ? कईयों ने तो अपने नींद तक बेच डाले अब उनके जुबान का क्या ? जुबान का क्या