शाम की ठंडी हवा यह दिलकश नजारे याद दिलाती है तेरी मुझको, बादलों जैसी बिखरी तेरी ज़ुल्फ़े चाँद जैसा रौशन तेरा चेहरा. कोयल सी तेरी बोली फूलों जैसी तेरी खुशबू, ऐसे मौसम में आज तेरी नामौजूदगी बड़ा सताती है मुझको. (शानुर रहमान) Miss U Lot