चांद लगता है जैसे है उसे चूम शर्म से लाल हुआ सर्द गुलाबी रातों के गालों पर मला गुलाल हुआ ख़्वाबों में खोया खोया सा जैसे दिल का हमहाल हुआ गाता बंजारा गीत विजन में एकाकी मन का तार हुआ बसा हमारे नयनों में अपना घर संसार हुआ देखा एक बार तो प्यार हुआ जब जब देखा हर बार हुआ चंदा मन ही मन मुस्काया रात्रि का दीप श्रृंगार हुआ डूब गया वो गीतों में कभी गीतों के उस पार हुआ अंधियारे में डूबे मन को छूकर सहज सम्हार गया खोलने को घूंघट प्राची का रूपराशि सब हार गया चंदा लगता है जैसे प्रहरी! देश का लाल हुआ पाकर पुत्र सुयश धन आंचल रजनी का निहाल हुआ #yosimwrimo #चाँदलगताहै #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #toyou #yqlove #yqnation #yqthreads #youandme