वो लड़की जो चाहती बहुत हैं मुझको... इश्क़ की दुनियां की इनायत लगती हैं, वो लड़की मुझे मेरी हिफाज़त लगती है, चांद का नूर भी फ़िका पर जाएं, ख़ुदा की ऐसी बनावट लगती है, मासूमियत की मूरत, रिश्तों की नोक-झोंक, दिलों से थोड़ी अनजान है, वो इस ज़हां की एक अलग ही पहचान है, इश्क़ भी किफायती है उसका, नज़रे कातिलाना हैं, और क्या तारीफ़ करूं मैं, उसकी हंसी का तो ख़ुदा भी दीवाना है, खुशियों से झोली भर दूं उसकी, एक मांगी इतनी-सी ही मैनें दुआ है, आंखे नम ना हो उसकी, मैनें ख़ुदा से हजार दफा कहा है। वो लड़की जो चाहती बहुत हैं मुझको... इश्क़ की दुनियां की इनायत लगती हैं, वो लड़की मुझे मेरी हिफाज़त लगती है, चांद का नूर भी फ़िका पर जाएं, ख़ुदा की ऐसी बनावट लगती है, मासूमियत की मूरत,