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भुला नहीं सकता माँ तेरा, जीवन भर उपकार बरसाया जो

भुला नहीं सकता माँ तेरा, जीवन भर उपकार 
बरसाया जो मुझ पर तुमने, अपना अनुपम प्यार।।
त्याग और स्नेह से अपने, दुनिया मेरी सजाई 
देकर अंगुली का अवलंबन, मुझको राह दिखाई।।
दिल, धड़कन, साँसें मेरी, माँ तुमको सब है अर्पण 
धन्य-धन्य हे! माँ तेरा था, कितना अतुल समर्पण।।

©Shashank मणि Yadava "सनम"
  धन्य धन्य हे माँ तेरा था कितना अतुल समर्पण
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