"अपने ही खड़े हैं रोज दिखावा का चेहरा पहनकर , दिल में है और कुछ ,होठों पर प्यार के तराने लेकर नई साजिशों का है कहेर , अपनो में दुश्मनों का है पहेर ।।" - writen by : km Jaya