अगर मुमकिन होता धड़कते दिल से खून रिसने नहीं देता हंसते चेहरे पर पीड़ा आने नहीं देता अगर मुमकिन होता तो तुम्हें अजनबी शहर में बसने नहीं देता तुम्हारी खुशियों को ग्रहण लगने नहीं देता अगर मुमकिन होता जीते जी तुम्हें भटकने मरने नहीं देता तुम्हारे आंखों से ज़ख्म बरसने नहीं देता अगर मुमकिन होता ******************** स्वरचित🌈मौलिक रचना #डॉलालथदानी🎉🌷 #अल्फ़ाज़_दिलसे❣️ वरिष्ठ #जनस्वास्थ्यविशेषज्ञ अजमेर 8005529714 #liveandlovelifebylal #अल्फ़ाज़_दिलसे #amarujala #kaavyaquotes