रात चाँदनी बूँद-बूँद ले इत्र बनाया आँखों ने पलक ढले से पहले तुम्हारे सिरहाने रख आई है ये खुशरंग सुबह की ख़ुशबू तुम्हें रिझाने आई है चाँद ढले, ये अर्क चाँद का तुम्हें पिलाने आई है कूँज रहे खगकुल! हवा प्रभाती तुम्हें सुनाने आई है जागो दिनकर! भोर किरण ये तुम्हें जगाने आई है #toyou #yqmoon #yqfragerance #yqlove #yqlovebites #yqnights #yqmorning #yqbliss