कचनार पे यौवन चढ़ा साथ लज्जा संभारे।। सुनती सारे अट्टहास फिर भी है मौन धारे।। क्या खता मेरी हैं देख जो बावरे भ्रमर सारे।। आरा ए रंग बचे कैसे सोचती ये मन मारे।। हुज़रा मिले आराईश ये मेरी रखूं किनारे।। #kachnarkikali #Nature #Beauty