जब से टूटे ख़्वाब है मेरे, चुप रहना मैंने सीख लिया अब रहता हूँ ख़ामोश हमेशा, दिल तोड़ना मैंने सीख लिया सोता हूँ मैं जी भरकर, पर ख़्वाबों से अब दूरी है जीना है मजबूरी लेकिन, जीना मैंने सीख लिया कहती मेरी ख़ामोशी मुझसे अक्सर, जब भी हूँ मैं हँसता अंदर ही अंदर चिल्लाता है, बाहर चुप रहना कैसे सीख लिया? ख़ामोशी को ख़ामोशी से, टूटे ख़्वाबो का किस्सा बतलाकर कहता चुपके से कानों में, अब मैंने भी दुनियादारी सीख लिया गर्दिश-ए-अय्याम पर बिल्कुल भी रोना ना आया 'मुसाफ़िर' ख़ामोशी में ही करके बसर, ख़ुद में ख़ुश होना सीख लिया गर्दिश-ए-अय्याम = बदलता भाग्य #ज़िन्दगी #ख़्वाब #दिल #Zindagi #khwaab #Love #प्यार #LightsInHand