कुछ धूप के टुकड़े कुछ उदासी की बदलियां सबके मन के नीलगागन में, अकसर तैरते रहते हैं, मन इनसे उलझ जाता है, स्वीकार नहीं कर पाता है, दुख की बदली देख घबराता है, सुख की धूप में फूला नहीं समाता है, इंसान बस यहीं चूक जाता है.... सुख की धूप, दुख के बादल, सदा कहां रहने वाले हैं.... सम रहना सीखोगे नहीं तो सुख दुख दोनो तड़पाने वाले हैं .......सोचो क्या चाहते हो.... #yqdidi #yqquotes #yqप्रश्न #yqकुलभूषण