आख़िरी ख़त बहुत दिनों बाद बहुत कुछ कल ही यह बेहद अप्रत्याशित सूचना प्राप्त हुई और न केवल अप्रत्याशित बल्कि बहुत मनहूस भी। शायद ही हम में से कभी किसी ने यह कल्पना की होगी कि हमें कभी एक आखरी कोट यहां पर लिखना होगा yq से मैं भले ही बहुत समय से दूर हूं पर यह कभी भी मुझसे दूर नहीं हो पाया। मेरे भीतर एक हिस्से के रूप में बना रहा और जब मुझे यह पता चला कि अब यह केवल आख़िरी मौका होगा इस प्लेटफार्म पर लिखने का अपने विचारों को व्यक्त करने का तो मैंने इतने दिनों से अपने भीतर के आलस को तोड़कर उस भावना पर विजय पा ली जिसने मुझे यह प्रेरणा दी कि एक आख़िरी बार कुछ तो कहना बनता है । यू ख़ामोश निकल जाना वैसा ही है जैसे एक सामान्य जीवन जीना जिसमें कुछ भी रोचक ना हो । yq के मायने भले ही सबके लिए अलग-अलग हो पर यह हमारे जीवन का एक ऐसा हिस्सा रहा जहां हमने अपने विचारों को रखा वह भी उस रूप में जिसमें हम शायद अपने आसपास जान पहचान के लोगों को अपने उन विचारों को शायद ना बता पाए। अब जबकि हमें अंतिम सूचना यही प्राप्त हो रही है कि हमें अपने उन विचारों को उन भावनाओं को समेट लेना चाहिए तो यह उतना ही ज्यादा दुखदाई है जितना कि अपने घर को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर देना हम सभी ने प्रत्येक विचार को उतनी ही मेहनत से अपनी अपनी वॉल पर सजाया है जैसे हम घर में प्रत्येक चीज तरतीब से रखते हैं और घर का बिखरना सबसे बुरी चीज है जो आपके जीवन में होती है। "पुरानी टिहरी एक शहर था एक सभ्यता था जो बांध बनने के कारण डूब गया बहुत से विरोध हुए लोगों ने आवाज उठाई पर सरकारें अपने फायदे का ही सोचती है सो उन्होंने सोचा, लोगों को आखिरी चेतावनी दी गई कि अब शहर में पानी भरने वाला है आपको अपना घर हमेशा हमेशा के लिए छोड़ कर जाना होगा ।