आज पधारेंगे घर घर देवकीनंदन घनश्याम । बंशी जिनकी अधर सखी ऐसे हैं घनश्याम । शीत ऋतु के आगमन को हर प्राणी हर्षाये । मुठ्ठी बांधे ठंड चले आयें ऐसे हैं घनश्याम ।। गंगवार अनिल #NojotoQuote शायरी