मैच्युरिटी का तक़ाज़ा ही यही है के लोगों को उनके मुताबिक़ सोचने दिया जाए, हर किसी को वज़ाहत देना ज़रूरी नहीं होता जितना वक़्त हम लोगों में खुद को सही साबित करने में सर्फ़ करते हैं उतने वक़्त में खुद को मज़ीद बेहतर बनाने में कोशां रहें, ओर लोगों को आज़ाद छोड़ दीजिए उनकी सोचों के साथ ..!!! #rools_4_life