हमनें उसके इश्क़ में क्या खूब मंजर देखें जो उसे दिए थे तोहफ़े रक़ीब के घर देखें मुझे तस्वीर ना दी जिसने बदनामी के डर से आज उनके ही घर सफ़-ए-मुसव्विर देखें जो मुझे कहते थे इश्क़ दरमां है हर मर्ज का मैंने उनकी नब्ज़ थामे हुए चारागार देखें मेरे क़त्ल की तोहमत लगा दी जमाने पर जिसने थामा उन्हीं की आस्तीन में ख़ंजर देखे तशवीश-ए-सनम में जार जार रोते थे कभी मेरी मयत के वक़्त उनके होंठो पर तरन्नुम देखे ©vivek netan #nojato #nojotiurdu #best_poetry #Poetry #poetryunplugged #Poetryurdu #poetry_unplugged #SAD