कुछ ज़ख्म भरते नहीं कभी या तो छिप जाते हैं कहीं ज़िंदगी की आपाधापी में या छिपा दिए जाते हैं बनाने को आसान ज़िंदगी को और कुछ ढक दिए जाते हैं नए ज़ख्मों से! #कड़वा_सच #firstsalary