सावन की वर्षा में कैसे प्यासा मन ललचाता है.. बारिश की बूँदों में भींग फिर ये मन हर्षाता है.. अजनबी सा एहसास एक धड़कनों को छू जाता है.. ख़्वाबों का परिंदा मानो उड़ने को ललचाता है.. बेबजह सी ख़्वाहिशें दिल में घर बना सी जाती है.. कल्पनाओं है या कोई हक़ीक़त दिल समझ नहीं पाती है.. ख़्वाब, और ख्यालों में तुम बेपरवाह सी ख़्वाहिशें और,, उन ख़्वाहिशों की मंजिल बस तुम.. तुम..और सिर्फ तुम..! ©Rishnit❤️ #सावन #प्यासामन #NojotoWriters SANJEEV