Baba ji ka thullu ये कोई बात नई नही सदियों से चला आ रहा यही तुम मूरख थे, कुछ जाना नही बस वही पीर फकीर बाबा है सही तुम न जाने क्यो अपनाते शरण, आसरा सब दिलवाते नागपंचमी सा दूध पिलाते वही सर्प बन तुमको डस जाते पीर फकीर बाबा कई आए आंगन से भीतर घुस आए आसमानी बात सुनाकर घूर आँख फिर तुम्हें भगाए दान दया इनपर मत करना धरम करो और फिर मरना मगरमच्छ आँसू ये लेकर माँग माँग प्रताड़ित करना #बाबा_का_ढाबा #BabaKaDhaba #SadharanManushya ये कोई बात नई नही सदियों से चला आ रहा यही तुम मूरख थे, कुछ जाना नही बस वही पीर फकीर बाबा है सही तुम न जाने क्यो अपनाते शरण, आसरा सब दिलवाते नागपंचमी सा दूध पिलाते