वक़्त के साथ गुज़रने लगे है, जो लगाए थे रंग वो उतरने लगे है। मोहब्बत की हालत भी कुछ सियासत सी हो गई है, चंद सालों में महबूब बदलने लगेे है। देख कर मौसमों के हालात ये, परिंदे भी दरख्तों में छुपने लगे है। गैरों से कभी वास्ता रखा न था, अपनो से भी अब बिछड़ने लगे है। जो ज़ुबा खामोश थी कल तक, वो बेज़ुबान भी कुछ कहने लगे है। ये गुज़रता वक़्त है या बदलती तस्वीर, हम ऐसे तो न थे फिर क्यो बदलने लगे है। ---Asjad Fahmi #nojoto #nojotohindi #ishq #urdu #urduhindi #mausam #urduhindishyri