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खुद की ही परछाइयों से छुपाता रहा अपनी बुराइयों को

खुद की ही परछाइयों से 
छुपाता रहा अपनी बुराइयों को झूठ के गंदे दलदल में 
कोसता रहा हमेसा अपनी तकदीर को 
कभी खुद की दुनिया को अपने मन की आंखों 
से नही देखा बस भागता रहा खुद से 
खोदता चला गया क़ब्र बीते यादों का कभी 
पीछे मुड़कर किसी को गले नही लगाया 
दो पल रुक कर अपनी कहानी ना बयाँ कर पाया बस भागता गया खुद से 
कभी किसी के कंधे पर सर रख कुछ खुशी कुछ 
गम के आँसू ना बहा पाया 
गर कोई और होता 
तो उसको चकमा दे भाग जाता 
पर मै तो खुद से ही लड़ रहा हूं खुद की ही परछाईयों से भाग रहा हूं 
अब ना मौत की कोई गुंजाइश ना जीने  की कोई 
आस बस अभी भी भाग ही रहा हूं खुद से
छुपते फिर रहा  हूं खुद की ही परछाईयों से । छुपते फिरते रहे 
आख़िर किस से...
#छुपतेरहे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
खुद की ही परछाइयों से 
छुपाता रहा अपनी बुराइयों को झूठ के गंदे दलदल में 
कोसता रहा हमेसा अपनी तकदीर को 
कभी खुद की दुनिया को अपने मन की आंखों 
से नही देखा बस भागता रहा खुद से 
खोदता चला गया क़ब्र बीते यादों का कभी 
पीछे मुड़कर किसी को गले नही लगाया 
दो पल रुक कर अपनी कहानी ना बयाँ कर पाया बस भागता गया खुद से 
कभी किसी के कंधे पर सर रख कुछ खुशी कुछ 
गम के आँसू ना बहा पाया 
गर कोई और होता 
तो उसको चकमा दे भाग जाता 
पर मै तो खुद से ही लड़ रहा हूं खुद की ही परछाईयों से भाग रहा हूं 
अब ना मौत की कोई गुंजाइश ना जीने  की कोई 
आस बस अभी भी भाग ही रहा हूं खुद से
छुपते फिर रहा  हूं खुद की ही परछाईयों से । छुपते फिरते रहे 
आख़िर किस से...
#छुपतेरहे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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kunalkarn5063

Author kunal

Silver Star
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