भारत बंद हैं ------------- बंद बाजार का जायजा लेते हुए संवाददाता घूम रहा था। उसे एक मोची की छोटी सी दुकान दिखाई देती हैं। अपनी न्यूज़ का मसाला तैयार करने के लिए वह उसका इंटरव्यू लेने चला जाता हैं। संवाददाता- (उत्साह से)और सर! क्या माहौल हैं बाजार का। मोची- (निराश स्वर में) अब का बताये भैया! सुबह से बोनी तक ना हुई। पिछले महीनों से तो आये दिन कोई ना कोई बाजार बंद करा जाता हैं। कभी फ़िल्म को लेकर, कभी नौकरी को तो कभी आरक्षण लेने - हटाने को लेकर, हाल बेहाल कर रखा है हमार जैसन का। (रुआंसा होकर) घर में दो बखत के लाले पड़े हैं, आज भी कुछ नहीं हुआ तो सब घरवालों को भूखा सोना पड़ेगा। (आँसू टपकाते हुए) हमको आरक्षण से कोई लेना देना नहीं हैं भैया, हाथ जोड़कर बिनती करते हैं कि बस इतना हक़ दे दो कि मेहनत मजूरी करके दो बखत की रोटी जुटा सके। हाँ आपका अधिकार हैं अपनी माँगो को मनवाने के लिए प्रदशन या क्रांति करना। पर उन लोगो का भी तो ध्यान रखो जिनकी दिन की कमाई से शाम को घर का चूल्हा जलता हैं। वो आपकी तरह अपनी दुकान या धंधो को एक - दो दिन बंद नहीं रख सकते, क्योंकि उनको उसी दिन की मेहनत से शाम को चार पेट भरने हैं। Background pic credit : tribuneindia.com #bharatbandh #भारतबंद #yqfilms #shortstory #hindishortstory #mksmahi #quote #stories #qotd #quoteoftheday