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सुनो, असर दुवाओं का समझ लूं, या फरिश्ते का नूर कह

सुनो,
 असर दुवाओं का समझ लूं, या फरिश्ते का नूर कहूं उसे
जिंदगी में सुकून की बात, लो अब सुकून ही कहूं उसे
उसकी मौजूदगी में लम्हे हजार जीने लग गया हूं मैं
अंधेरी रातों को इत्तालाह करो , उससे रोशनी मिल रही है मुझे !

©Ayush Yadav She & He = us 

#us
सुनो,
 असर दुवाओं का समझ लूं, या फरिश्ते का नूर कहूं उसे
जिंदगी में सुकून की बात, लो अब सुकून ही कहूं उसे
उसकी मौजूदगी में लम्हे हजार जीने लग गया हूं मैं
अंधेरी रातों को इत्तालाह करो , उससे रोशनी मिल रही है मुझे !

©Ayush Yadav She & He = us 

#us
ayushyadav1245

Ayush Yadav

New Creator

She & He = us #us #Shayari