सुनो, असर दुवाओं का समझ लूं, या फरिश्ते का नूर कहूं उसे जिंदगी में सुकून की बात, लो अब सुकून ही कहूं उसे उसकी मौजूदगी में लम्हे हजार जीने लग गया हूं मैं अंधेरी रातों को इत्तालाह करो , उससे रोशनी मिल रही है मुझे ! ©Ayush Yadav She & He = us #us