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पापड़ कितनी प्राथमिकता रखता है एक पापड़ आपकी

पापड़



 कितनी प्राथमिकता रखता है एक पापड़ 
आपकी थाली में।।

कुछ दिन पहले,घर में get together हुआ। आपसी रिश्तेदारों को निमंत्रित किया था खाने पर। ढेर सारे पकवान बने,मेरी सासु माँ की इच्छानुसार। पुरणपोली,आमटी,हरीमिर्च की खट्टी-मीठी सब्जी,चने की दाल से बना भरडा़,प्याज़ के और आलू के पकौडे़ चावल। जी हाँ एक और item भी था पापड़। जो पापड़ इस बार मैं लेकर आई थी बाजा़र से वो थे "खिचिया" पापड़। हमारे यहाँ अक्सर चावल के,उड़द दाल के या सूजी के पापड़ ही बनते है। उड़द दाल के पापड़ जिन्हे गैस पर भून कर या सेक कर खाया जाता है,वह तो मुझे कतई पसंद नही। वो तलकर भी रखा मिले तो मैं उसे कभी ललचा कर ना लूँ। मिला तो मिला नही मिला तो कोई गम नही। कितनी ही बार मैं छोड़ देती हूँ उसे बिना खाए,बिना अहमीयत दिए। पर ये क्या आज तो पार्टी में सभी पापड़ की ही बाते कर रहे थे। पापड को किस तरह से tasty बनाकर खाया जाए इस पर अपनी टिप्पणी दे रहे थे। मुंबई में street food के नाम से famous "मसाला पापड" की बाते कर रहे थे। मैंने तो कभी पैसे खर्च कर ये मसाला पापड़ खाया नही। मुझे तो पापड़,भरी पकवानों की थाली में तुच्छ भूमिका निभाता हुआ लगता है। पर इसके भी इतने fansप्रशंसक  हो सकते है ये अभी देखा। एक ही वार में चूर-चूर हो जाने वाला पापड़ मूँह मे डालते ही एक मिनट में खत्म हो जाने वाला कैसे किसी को भा सकता है। जिस खिचिया पापड़ की मैं बात कर रही थी वह उन्हे काफी स्वादिष्ट लगा। उसे खिलाकर मैं उनकी नज़रों में महान बन गयी थी। आमतौर  पर मिलने वाला पापड़ नही है ये ऐसा वो मुझे कह रहे थे। मैंने जहाँ से इसे लिया था उस महाशय ने भी ऐसे ही कुछ मुझसे कहा था,जब मैं भाव चुका रही थी-मैडम थोडा़ सा ही बचा है ले लो।अगर आप कुछ देर बाद वापस आकर लेना चाहेगी तो नही मिलेगा। यहाँ औरते हाथों से छीनकर लेती है। मैं हर गुरुवार को आता हूँ इन्हे बेचने आपको अच्छा लगा तो आना खरीदने।जितना माल लाता हूँ वो सब खत्म हो जाता है। शायद उसकी बात सच थी जिस वजह से आज मैं मेहमाननवाजी में प्रथम आई थी। मैंने भी पापड़ की प्रशंसाए सुन उसे स्वाद लेकर,किसी स्वादिष्ट चीज़ को खाते है वैसी भूमिका बाँध मूँह में डाला और आँखे बंद कर उसका दिल से स्वाद लेना चाहा। पर ये क्या मुझे तो अब भी पापड़ 'वैसा'ही लगा 'जैसा' लगता था । शायद मुझे इसका स्वाद ही पसंद ना आता हो। मुझसे सभी ने address,time पूछा पापड़ वाले का और पुरुषों ने कडी़ हिदायत उनकी पत्नियों को दी, ये पापड़ किसी भी हाल में घर पर चाहिए। जल्दी जाना खत्म होने से पहले और ले आना।
मैं सोंच रही थी की पापड़ की भी अपनी एक भूमिका हो सकती है क्या जिंदगी में??

Pic credit:google
#yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #restzone
पापड़



 कितनी प्राथमिकता रखता है एक पापड़ 
आपकी थाली में।।

कुछ दिन पहले,घर में get together हुआ। आपसी रिश्तेदारों को निमंत्रित किया था खाने पर। ढेर सारे पकवान बने,मेरी सासु माँ की इच्छानुसार। पुरणपोली,आमटी,हरीमिर्च की खट्टी-मीठी सब्जी,चने की दाल से बना भरडा़,प्याज़ के और आलू के पकौडे़ चावल। जी हाँ एक और item भी था पापड़। जो पापड़ इस बार मैं लेकर आई थी बाजा़र से वो थे "खिचिया" पापड़। हमारे यहाँ अक्सर चावल के,उड़द दाल के या सूजी के पापड़ ही बनते है। उड़द दाल के पापड़ जिन्हे गैस पर भून कर या सेक कर खाया जाता है,वह तो मुझे कतई पसंद नही। वो तलकर भी रखा मिले तो मैं उसे कभी ललचा कर ना लूँ। मिला तो मिला नही मिला तो कोई गम नही। कितनी ही बार मैं छोड़ देती हूँ उसे बिना खाए,बिना अहमीयत दिए। पर ये क्या आज तो पार्टी में सभी पापड़ की ही बाते कर रहे थे। पापड को किस तरह से tasty बनाकर खाया जाए इस पर अपनी टिप्पणी दे रहे थे। मुंबई में street food के नाम से famous "मसाला पापड" की बाते कर रहे थे। मैंने तो कभी पैसे खर्च कर ये मसाला पापड़ खाया नही। मुझे तो पापड़,भरी पकवानों की थाली में तुच्छ भूमिका निभाता हुआ लगता है। पर इसके भी इतने fansप्रशंसक  हो सकते है ये अभी देखा। एक ही वार में चूर-चूर हो जाने वाला पापड़ मूँह मे डालते ही एक मिनट में खत्म हो जाने वाला कैसे किसी को भा सकता है। जिस खिचिया पापड़ की मैं बात कर रही थी वह उन्हे काफी स्वादिष्ट लगा। उसे खिलाकर मैं उनकी नज़रों में महान बन गयी थी। आमतौर  पर मिलने वाला पापड़ नही है ये ऐसा वो मुझे कह रहे थे। मैंने जहाँ से इसे लिया था उस महाशय ने भी ऐसे ही कुछ मुझसे कहा था,जब मैं भाव चुका रही थी-मैडम थोडा़ सा ही बचा है ले लो।अगर आप कुछ देर बाद वापस आकर लेना चाहेगी तो नही मिलेगा। यहाँ औरते हाथों से छीनकर लेती है। मैं हर गुरुवार को आता हूँ इन्हे बेचने आपको अच्छा लगा तो आना खरीदने।जितना माल लाता हूँ वो सब खत्म हो जाता है। शायद उसकी बात सच थी जिस वजह से आज मैं मेहमाननवाजी में प्रथम आई थी। मैंने भी पापड़ की प्रशंसाए सुन उसे स्वाद लेकर,किसी स्वादिष्ट चीज़ को खाते है वैसी भूमिका बाँध मूँह में डाला और आँखे बंद कर उसका दिल से स्वाद लेना चाहा। पर ये क्या मुझे तो अब भी पापड़ 'वैसा'ही लगा 'जैसा' लगता था । शायद मुझे इसका स्वाद ही पसंद ना आता हो। मुझसे सभी ने address,time पूछा पापड़ वाले का और पुरुषों ने कडी़ हिदायत उनकी पत्नियों को दी, ये पापड़ किसी भी हाल में घर पर चाहिए। जल्दी जाना खत्म होने से पहले और ले आना।
मैं सोंच रही थी की पापड़ की भी अपनी एक भूमिका हो सकती है क्या जिंदगी में??

Pic credit:google
#yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #restzone
ashagiri4131

Asha Giri

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