मुझे न तन चाहिए, न धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिंदा हूं चुकाऊंगा इस मिट्टी का कर्ज, और जब मरू तो बस तिरंगा का कफन चाहिए देशभक्ति शायरी