ये जो देश की मिट्टी है ना यहां फूल भी तो खिलतें है ना रात होती अंधेरा भी आता है चाँद का टुकड़ा रौशनी ले आता है बादलों से बारिश जब मिट्टी में लगती है वो सौंधी सौंधी खुशबुएँ मिलती है ना ये जो देश की मिट्टी है ना यहां फूल भी तो खिलतें है ना ये जो देश की मिट्टी है ना यहां फूल भी तो खिलतें है ना रात होती अंधेरा भी आता है चाँद का टुकड़ा रौशनी ले आता है बादलों से बारिश जब मिट्टी में लगती है वो सौंधी सौंधी खुशबुएँ मिलती है ना