Unsplash चल मन ,कर अपने अन्दर की सैर ना वाहन ,ना चाहिए हाथ और पैर समझ खुलेगी,ना रह जायेगा कोई गैर मोहब्बत की चाह न होगी,ना होगा बैर ©Kamlesh Kandpal #Bhitar