वो बुझी सिगरेट के धुंए से बनी तेरी तस्वीर, वो गिलास में पड़ी शराब में बना तेरा चेहरा, वो गोल खाली टेबल पर रखे तेरे दोनों हाथ, वो तेरी दोनों आंखों का मेरी आंखों मे घूरना, वो फिर गुस्से से गर्दन को बांयी ओर मोडना।, कसम से!!! बहुत याद आता है।। कसम से!!! बहुत सताता है।। कसम से!!! बहुत रुलाता है।। #सच में# अब तू आ भी जा... अब तू आ भी जा... अब तू आ भी जा... "शील साहब" #कसमसे