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White ज़हे-नसीब वो पुरसाँ हैं ग़म के मारों के मि

White ज़हे-नसीब वो पुरसाँ हैं ग़म के मारों के 

मिज़ाज अर्श पे हैं आज दिल-फ़िगारों के 

जहाँ में दीदा-ए-जौहर-शनास की है कमी 

ज़ियादा दाम हैं हीरों से संग-पारों के 

तुलू-ए-मेहर बदलने को है निज़ाम-ए-फ़लक 

कहो कि कूच करें कारवाँ सितारों के 

हसीन चाँद की किरनों से खेलने वाली 

मिरे जहाँ में कई खेत हैं सितारों के

©Sam
  #zehnaseeb
samedatt2026

Sam

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