कभी-कभार की सराय सही, मैं सदा-सदा का घर नहीं हूँ। मैं कुछ पल का जज़्बात सही, उम्रभर की ज़रूरत नहीं हूँ। क्षण भर को तड़पा भी दूं तो, मरते दम तक का मैं सुकूँ नहीं हूँ। मैं कतरन कपड़े की हूँ, पर तन ढकने की पोशाक नहीं हूँ। मैं "संध्या" काल का बुझा उजाला, फिर भी रातों की बात नहीं हूँ। मैं अर्ध अर्थ की अर्ध कविता, प्रेम की तेरी नज़्म नहीं हूँ। #genesis #halfgirlfriend #halflove #not enough #love #hindinama #kavishala #nojoto