#NojotoTurns5
...भी माननीय मंच नोजोटो के अतिरिक्त अन्य कवि सम्मेलन या मुशायरे में जाता हूं तो लगता है, मैं भारत में हूं मैं भारतीय हूं, और जब भी कुछ लिखता हूं तो उस लेख पर आने वाली तमाम प्रतिक्रियाओं वाले अनमोल शब्द, अनमोल टिप्पणियां जब पढ़ता हूं, तो लगता है मैं प्रेम की दुनिया में हूं, वैसे इसके विरुद्ध समाचार चैनलों का समाचार, नेताओं के भाषण और टिप्पणियों से आप सभी वाकिफ है इसलिए कहने की आवश्यकता नही है कि आप किस दुनिया में है।
खैर..! मेरी प्रिय जनसंपर्क भाषा हिंदी है, और जब मुझ जैसे साधारण हिंदी के विद्यार्थी द्वारा लिखी गई भाषा को, जब मेरे वो सभी प्रिय कलम के सिपाही, कलम के कलाकार, कलम के साधक, कलम के हुनरमंद पढ़ते हैं, जिनकी अलग भाषा है, जाती है, धर्म है, राज्य है परंतु एक देश भारत है, जब यह भारत मुझे पढ़ता है तो मुझे सुखद अनुभूति होती है, मुझे एहसास होता है कि वे भी मेरी तरह है मेरे है।
इस पर अनायास ही, छोटे उस्ताद श्री गुलाम अली साहब जी का गाया हुआ, एक ख़ूबसूरत ग़ज़ल याद आता है, "अपनी धुन में रहता हूं मैं भी तेरे जैसा हूं"
मेरे सभी प्रिय दोस्तों एवं शुभचिंतकों का प्यार, स्नेह, दुलार, प्रशंसा, उपहार और आलोचना मुझे बेहतर से बेहतरीन लिखने की प्रेरणा देते है इसलिए मैं आप सभी का हृदय की गहराइयों से नमस्कार, धन्यवाद एवं आभार प्रकट करता हूं, बिना आप सभी के अनमोल सहयोग के मेरा हर योग शुन्य है। #Instagram#Facebook#समाज#लोकतंत्र#अदनासा