ग्यारवीं की रसायन विज्ञान के किताब के अंदर मिला खत तुम्हारा फिर याद आने लगी तुम्हारी ओर मेरे प्यार की हर किसी की समझ न आने वाली केमिस्ट्री कैसे हम मिले थे किसी रासायनिक अभिक्रिया की तरह कैसे हम घुले थे चीनी ओर पानी के विलयन की तरह फिर हुआ था केमिकल लोचा ओर हम बिछड़ गये जैसे जिप्सम से अलग कर दिया जाता पानी ओर बन जाता है पलास्टर ऑफ पेरिस ओर अब इसमें पानी मिलाओ तो यह नहीं बन पाता फिर से जिप्सम ओर थोड़ी हवा लगने से हो जाता है ये सख़्त याद आया पहले में भी हुआ करता था सख्त तुम्हे देखा था तो पिघल गया था बिछड़े थे तो उड़ गया था भाप बन कर अब फिर से सदियां लग गयी फिर से सख्त होने में ये जिंदगी है कि जल की अवस्थायें तुम्हारे बगैर जिंदगी है मेंडेलीफ़ की आवर्त सारणी तुम आओ तो बने मुकम्मल आधुनिक आवर्त सारणी काश उस दिन न रखता में खत को रसायन विज्ञान की किताब के अंदर #nojoto #chemistry #lovechemistry