Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम बिन जलते हैं दिन मेरे और दहकती रात है। अल्हड़पन

तुम बिन जलते हैं दिन मेरे
और दहकती रात है।
अल्हड़पन गुमसुम सा रहता
और बहकती बात है।
( 01 )
                              मन मन्दिर के पट बन्द हुए
                              पुलकित पल मेरे चन्द हुए।
                              दर्शन की अभिलाषाओं में
                              नैनों के कितने खण्ड हुए।
                               ( 02 )
विरहा की अग्नि में जलती
और सिसकती रात है।
है रूह मेरी रूसवा रूसवा
और तड़पती बात है।
( 03 ) तुम बिन जलते हैं दिन मेरे
और दहकती रात है।
अल्हड़पन गुमसुम रहता
और बहकती बात है।
💐💐💐💐💐💐💐
मन मन्दिर के पट बन्द हुए
पुलकित पल मेरे चन्द हुए।
दर्शन की अभिलाषाओं में
तुम बिन जलते हैं दिन मेरे
और दहकती रात है।
अल्हड़पन गुमसुम सा रहता
और बहकती बात है।
( 01 )
                              मन मन्दिर के पट बन्द हुए
                              पुलकित पल मेरे चन्द हुए।
                              दर्शन की अभिलाषाओं में
                              नैनों के कितने खण्ड हुए।
                               ( 02 )
विरहा की अग्नि में जलती
और सिसकती रात है।
है रूह मेरी रूसवा रूसवा
और तड़पती बात है।
( 03 ) तुम बिन जलते हैं दिन मेरे
और दहकती रात है।
अल्हड़पन गुमसुम रहता
और बहकती बात है।
💐💐💐💐💐💐💐
मन मन्दिर के पट बन्द हुए
पुलकित पल मेरे चन्द हुए।
दर्शन की अभिलाषाओं में