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आँख लगते ही दरवाजे की घंटी बजी, पहले सोचा कि जरूर

आँख लगते ही दरवाजे की घंटी बजी, पहले सोचा कि  जरूर अभिनव होगा, अभिनव मेरे पड़ोस में रहने वाला पाँच साल का बच्चा है। जो अक्सर दरवाजे की घंटी बजाकर भाग जाया करता है। वैसे मुझे दिन में सोने की कोई आदत तो नहीं पर उस दिन कुछ अजीब-सा लग रहा था। कुछ उदासी-सी छाई हुई थी, इन सब बातों को साइड में रखते मैंने दरवाजा खोला।  
मेरी तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा, सामने वो था, जो 2 साल पहले मुझे बिना बताए ही ना जाने कहाँ चला गया था, खैर मैं लाज- शर्म सब साइड रख, उसके सीने से लग गई, उसने भी मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया। इतनी देर में माँ -पापा भी आ गए। एक फाइल पापा की तरफ़ बढ़ाते हुए उसने कहा- अंकल, ये मेरे नए घर के कागज़,  अब तो मैं आपकी बेटी से शादी कर सकता हूँ ना, मैं हैरानी से सबको देखती रह गई।
हाँ बेटा,  तुम मेरी परीक्षा में पास हुए,पापा ने कहा। 
अपनी जेब से निकाली इक अँगूठी उसने मुझे वही पहना दी। 
सब बहुत खुश हुए, पर सबसे ज्यादा "हम" खुश थे। #subha#ekkahani#priyanka-pri
#story❤
आँख लगते ही दरवाजे की घंटी बजी, पहले सोचा कि  जरूर अभिनव होगा, अभिनव मेरे पड़ोस में रहने वाला पाँच साल का बच्चा है। जो अक्सर दरवाजे की घंटी बजाकर भाग जाया करता है। वैसे मुझे दिन में सोने की कोई आदत तो नहीं पर उस दिन कुछ अजीब-सा लग रहा था। कुछ उदासी-सी छाई हुई थी, इन सब बातों को साइड में रखते मैंने दरवाजा खोला।  
मेरी तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा, सामने वो था, जो 2 साल पहले मुझे बिना बताए ही ना जाने कहाँ चला गया था, खैर मैं लाज- शर्म सब साइड रख, उसके सीने से लग गई, उसने भी मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया। इतनी देर में माँ -पापा भी आ गए। एक फाइल पापा की तरफ़ बढ़ाते हुए उसने कहा- अंकल, ये मेरे नए घर के कागज़,  अब तो मैं आपकी बेटी से शादी कर सकता हूँ ना, मैं हैरानी से सबको देखती रह गई।
हाँ बेटा,  तुम मेरी परीक्षा में पास हुए,पापा ने कहा। 
अपनी जेब से निकाली इक अँगूठी उसने मुझे वही पहना दी। 
सब बहुत खुश हुए, पर सबसे ज्यादा "हम" खुश थे। #subha#ekkahani#priyanka-pri
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