किराये के छोटे से कमरे में अपनी दुनिया बसा लेते है घर से दूर रह उसी कमरे को अपना घर बना लेते है खाना कभी समय से खाया कभी नही खाया होता है माँ का जब फ़ोन हो तो ,हां अभी खाया ही है ऐसा बता देते है दिखाते है कि घर की याद अब नही सताती है हमको और जब याद आती है तो चुपचाप आंसू बहा लेते है जीवन के सृजन के इस दौर में ,कमरे में कई यादें बना लेते है दोस्त का बर्थडे ,खुद का ब्रेकअप ,पास होने की ख़ुशी और एग्जाम का तनाव सब उस चारदीवारी में निपटा लेते है शुरुआत में खाना बनाते हुए बर्तन काले करके ,हाथ जला लेते थे अंत में आते आते गोल रोटियां और कड़क चाय भी अब बना लेते है कहने को किराए का होता हैं मगर , हम तो उसमें अपनी खुशियों की जमापूंजी लगा देते है । कमरा किराए का । #yqbaba #kamra #kiraya #memories #collegelife #friendshipgoals