बेस्वाद सी जिंदगी को मेरी जब से उसके प्यार का स्वाद लग गया, पल में सारे समांँ के साथ साथ जिंदगी का जायका बदल गया। जीने लगे उसके ही ख्वाबों खयालों में रात और दिन शाम-ओ-पहर, उसके तसव्वुर के सिवा जिंदगी में कोई भी ख्वाब बाकी ना रह गया। उसकी तलब ऐसी लगी है कि मेरी सारी की सारी दुनियाँ बदल गई, हर पल हर घड़ी दुआओं में है वो खुदा से जिसे मांँगने दिल लग गया। कट रही थी मेरी जिंदगी तन्हाइयों में उसने शहनाइयों से सजा दी, चाहने लगे दिल-ओ-जान से ज्यादा जाने वो कैसा जादू कर गया। उसके बिना जिंदगी जीने की "एक सोच" कभी सोच भी नहीं सकती, उसका नाम दिल के साथ-साथ हाथों की लकीरों पर भी लिख गया। 👉🏻 प्रतियोगिता- 319 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"दुआओं में है वो"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I