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ख़ुद को ख़ुद से निकाल फैंका है क्या? आइने में ख़ुद को

ख़ुद को ख़ुद से निकाल फैंका है क्या?
आइने में ख़ुद को देखा है क्या?

झूठ की हवा चल रही आज
सच्चा इंसान कहीं देखा है क्या?

लाल तिलक लगाकर पत्थर को पूज रहे
पत्थरों में भगवान किसी ने देखा है क्या?

अज़ान और आरती में ख़ुद को बांट रहे
अरे इंसानियत का कोई मज़हब देखा है क्या?

दूसरों की मौत की दुआ कर रहे लोग
आपसी भाईचारा कहीं देखा है क्या? देखा है क्या? #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #GhazalLove #NojotoGhazal
ख़ुद को ख़ुद से निकाल फैंका है क्या?
आइने में ख़ुद को देखा है क्या?

झूठ की हवा चल रही आज
सच्चा इंसान कहीं देखा है क्या?

लाल तिलक लगाकर पत्थर को पूज रहे
पत्थरों में भगवान किसी ने देखा है क्या?

अज़ान और आरती में ख़ुद को बांट रहे
अरे इंसानियत का कोई मज़हब देखा है क्या?

दूसरों की मौत की दुआ कर रहे लोग
आपसी भाईचारा कहीं देखा है क्या? देखा है क्या? #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #GhazalLove #NojotoGhazal