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जो आज हम खड़े है वो सपना उनका था जो आज हम महकेहै उ

जो आज हम खड़े है वो सपना उनका था
जो आज हम महकेहै उस फूल का बागीचा उनका था
स्वयं ने पत्थर और किचड़ सहकर शिक्षा का कमल खिलाया था
आई सावित्री ने स्त्री शिक्षा का प्रण प्राणों से बढकर निभाया था।
पहली महिला शिक्षिका थी जिसने कन्या शिक्षा के लिए कदम उठाया था
आज भी हम बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के क्रियान्वयन में अक्षम है 
उस अकेली ने अपने पति संग जिसका आरंभ कराया था।।।

©Yogita Harne first female teacher
जो आज हम खड़े है वो सपना उनका था
जो आज हम महकेहै उस फूल का बागीचा उनका था
स्वयं ने पत्थर और किचड़ सहकर शिक्षा का कमल खिलाया था
आई सावित्री ने स्त्री शिक्षा का प्रण प्राणों से बढकर निभाया था।
पहली महिला शिक्षिका थी जिसने कन्या शिक्षा के लिए कदम उठाया था
आज भी हम बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के क्रियान्वयन में अक्षम है 
उस अकेली ने अपने पति संग जिसका आरंभ कराया था।।।

©Yogita Harne first female teacher
yogitaharne4457

Yogita Harne

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