कब से तरस रही हूं कान्हा, अपनी मुरली की धुन सुना जाना, सुना है रास लीला रचाते हो, कभी मेरे संग भी रास रचा जाना, नाचती है दुनिया तेरी धुन पर, मुझे भी कभी मगन कर नचा जाना, इस जन्माष्टमी सुन ओह कन्हैया, मेरे घर भी आ जाना। बस अपनी मुरली की धुन सुना जाना प्रेम दीवानी बन नाचूं हर दम, अपने प्रेम का रंग यूं चढ़ा जाना। इस जन्माष्टमी कान्हा मेरे घर भी आ जाना। बस अपना मुझको बना जाना... ©Vasudha Uttam #DearKanha #HappyJanamashtmi #Nojoto #Nojotonews #nojotoenglish #nojotohindi Ruchika Priya dubey Rahul vibhute