अजीब दास्तां है ये अजीब दासताँ है हमारी, पहले सुनो ना तुम मेरी बात सारी , किया पता है तुमको किस तरह में तन्हा रात गुज़ारी, हर रात मैंने तुमको की पाने की आओज़ारि, वादा किया था तुमने जिन्दगी भर साथ दूंगी तुम्हारी, जाओ अब सलामत रहना दुआ है हमारी। -Md Hasnain Reza #dastane. दर्द शायरी M.H.Ŕ---ļòvé