कुछ मासूमियत भरी रातें याद रहतीं हैं, चुनिंदा चेहरों की भी घातें याद रहतीं हैं। खो दे चाहे ये हमें कहीं भी ज़माने में, कभी ठुकराई गई भी बातें याद रहतीं हैं।। ~ प्रेम शंकर "नूरपुरिया" जैसा मैंने देखा........! ©प्रेम शंकर याद रहतीं हैं #shaadi