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इजाज़त मिलेगी तो ज़ुल्फें सजाऊँ, कहेगी हवा ग़र तो रुख

इजाज़त मिलेगी तो ज़ुल्फें सजाऊँ,
कहेगी हवा ग़र तो रुख मोड़ लाऊँ,
सितारों से मेरा मिलना ही नहीं है,
बता तू मैं कैसे उन्हें तोड़ लाऊँ,
ज़माना गुज़ारा तिरे साथ मैंने,
कहे भी तो कैसे तुझे भूल जाऊँ,
खुदा तू बता अब रिश्ता हमारा,
ज़माने को जाकर के क्या मैं बताऊँ। #IjazatMilegi #nojotoshayari
इजाज़त मिलेगी तो ज़ुल्फें सजाऊँ,
कहेगी हवा ग़र तो रुख मोड़ लाऊँ,
सितारों से मेरा मिलना ही नहीं है,
बता तू मैं कैसे उन्हें तोड़ लाऊँ,
ज़माना गुज़ारा तिरे साथ मैंने,
कहे भी तो कैसे तुझे भूल जाऊँ,
खुदा तू बता अब रिश्ता हमारा,
ज़माने को जाकर के क्या मैं बताऊँ। #IjazatMilegi #nojotoshayari