लिख रहा हूं इक ग़ज़ल, मैं अपने महबूब की याद में............ पहले किस्सा सुनो हिज्र का, वस्ल की दास्तां सुनाउंगा बाद में...... करके मोहब्बत मुझसे मेरा, महबूब दूर हो गया है मुझसे........... दर-दर भटक रहा हूं मैं अब, खुदा से करता हूं फ़रियाद मैं.......... ©Poet Maddy लिख रहा हूं इक ग़ज़ल, मैं अपने महबूब की याद में............ #Gazal#Memory#Beloved#Story#Seperation#MeetUp#Love#Lover#Wandering........